अच्छे
मार्ग पर कोई व्यक्ति नहीं जाता पर बुरे मार्ग पर सभी जाते हैं ....
इसलिए
दारू बेचने वाल कहीं नहीं जाता,
पर
दूध बेचने वाले को घर घर, गली गली, कोने कोने जाना पड़ता है ।
दूध
वाले से बार बार पूछा जाता है की पानी तो नहीं डाला ?
पर
दारू मे खुद अपने हाथों से पानी मिला मिला कर पीते हैं ।
इंसान
की समझ सिर्फ इतनी है की उसे “जानवर” कहो तो नाराज हो जाता है
और
“शेर” कहो तो खुश हो जाता है
तजुर्बे
ने शेरों को खामोश रहना सिखाया,
क्योंकि
दहाड़ कर शिकार नहीं किया जाता,
कुत्ते
भौंकते हैं अपने ज़िंदा होने का एहसास दिलाने के लिए,
मगर
जंगल का सन्नाटा शेर की मौजूदगी बयां करता है।
लाइन
छोटी है , पर मतलब बहुत बड़ा है
उम्र
भर उठाया बोझ उस कील ने ...
और
लोग तारीफ उस तस्वीर की करते रहे ...
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